जन-गण-मन अधिनायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंगा ।
विन्ध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा,
उच्छल जलधि तरंगा।
तब शुभ नामे जागे तब शुभ आशीष मांगे
गाहे तब जय गाथा ।
जन-गण-मंगल दायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता । जय हे! जय हे! जय हे!
जय, जय, जय, जय हे!

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